BSTV न्यूज चैनल से वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण दुबे ने अपनी विदाई की घोषणा की है। उन्होंने एक भावुक संदेश में BSTV में अपने अब तक के सफर को साझा करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक नौकरी नहीं, बल्कि एक सपना था, जिसे उन्होंने जीया और सजाया।
प्रवीण दुबे ने कहा, “इस संस्थान को मैंने अपने बच्चे की तरह संभालने की कोशिश की। इसे खड़ा करने की कल्पना से लेकर इसकी पहली ईंट रखने तक की हर प्रक्रिया में मैंने खुद को झोंका। बीते तीन दशकों में कई संस्थानों से विदाई ली, लेकिन BSTV से रुखसत होना सबसे कठिन और भावनात्मक क्षण है।”
वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण दुबे ने BSTV न्यूज चैनल में एडिटर इन चीफ पद से दिया इस्तीफा
BSTV न्यूज चैनल से वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण दुबे ने अपनी विदाई की घोषणा की है। उन्होंने एक भावुक संदेश में BSTV में अपने अब तक के सफर को साझा करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक नौकरी नहीं, बल्कि एक सपना था, जिसे उन्होंने जीया और सजाया।
प्रवीण दुबे ने कहा, “इस संस्थान को मैंने अपने बच्चे की तरह संभालने की कोशिश की। इसे खड़ा करने की कल्पना से लेकर इसकी पहली ईंट रखने तक की हर प्रक्रिया में मैंने खुद को झोंका। बीते तीन दशकों में कई संस्थानों से विदाई ली, लेकिन BSTV से रुखसत होना सबसे कठिन और भावनात्मक क्षण है।”
उन्होंने बताया कि कैसे इस चैनल की नींव रखते समय तमाम चुनौतियों का सामना किया, लेकिन साथ ही यह भी जोड़ा कि कई लोग सिर्फ भरोसे के दम पर उनके साथ जुड़े—बिना यह पूछे कि चैनल का नाम क्या होगा, दफ्तर कहां बनेगा।
“हमने एक बेहतरीन टीम बनाई। मेरा हमेशा प्रयास रहा कि मैं छाता बनकर रहूं, ताकि काम करने वाली टीम सर्दी, गर्मी या बरसात की प्रतिकूलताओं से बचे और उन्हें बेहतर माहौल मिले।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि उन्होंने अवसर देने में कभी भेदभाव नहीं किया और महिला-पुरुष सभी को उनकी क्षमता के अनुसार जिम्मेदारियाँ दीं।
अपने साथियों से क्षमा मांगते हुए प्रवीण दुबे ने कहा, “काम के दबाव और कभी-कभी स्वभावजनित कारणों से यदि कोई बात चुभी हो या किसी का मन दुखा हो तो मुझे क्षमा करें। मेरा आशय कभी किसी के प्रति गलत नहीं रहा।”
चैनल के एमडी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा टीम पर भरोसा जताया और उसी का नतीजा है कि कम समय में BSTV ने एक अलग पहचान बनाई।
अपने भविष्य को लेकर उन्होंने लिखा, “मुझे नहीं मालूम यह बदलाव मुझे कहां ले जाएगा, लेकिन यह परिवर्तन मेरे लिए एक नया अध्याय जरूर खोलेगा। 30 तारीख तक मैं ऑफिस में मौजूद रहूंगा, उसके बाद किसी नए संस्थान में नई पारी की शुरुआत करूंगा।”
प्रवीण दुबे ने अपनी बात गुलज़ार साहब की एक हाइकू के साथ खत्म की:
“उठ के जाते हुए पंछी ने बस इतना देखा,
देर तक हाथ हिलाती रही शाख फिज़ा में,
अलविदा कहने को या पास बुलाने को।”
उन्होंने BSTV की पूरी टीम को शुभकामनाएं देते हुए आग्रह किया कि वे समर्पण भाव से काम करते रहें, क्योंकि “कभी कोई संपर्क या पहचान आपको बड़ा नहीं बनाती, आपका काम ही आपकी असली पहचान है।”
