जल्द ही हम चैनल का नाम और चैनल मालिक का नाम पब्लिश करेंगे महिला पत्रकार के साथ हुई बातचीत का ऑडियो भी शेयर करेंगे
खबर नोएडा से प्रसारित एक नेशनल न्यूज चैनल से हैं यहां करीब पीछे 3-4 महीने से चैनल स्टाफ को उनका वेतन नहीं दिया गया हैं हालांकि हाल ही में चैनल में भारी भरकम वेतन पर नए मैनेजिंग एडिटर की एंट्री हुई हैं
कुछ पत्रकारों को बीच महीने का वेतन दे दिया गया हैं कुछ को वो भी नहीं दिया गया हैं
Media4samachar द्वारा कॉल पर हुई वार्ता के बाद लेबर कमिश्नर ने संस्थान के खिलाफ नोटिस जारी करने को बोला हैं
बातचीत में कुछ पत्रकारों का कहना हैं की लंबे लंबे वेतन पर वरिष्ठ पत्रकारों को मैनेजमेंट अपॉइंट कर लेता हैं लेकिन उनको अपने स्टाफ को देने के लिए वेतन नहीं रहता हैं ऐसे में वो पत्रकार क्या करे जो बाहर से आकर नोएडा में अपना घर परिवार चला रहें हैं सबसे बड़ी समस्या उन्हीं के सामने ऐसी आती हैं लेकिन चैनल प्रबंधन को इस बात का कोई भी फर्क नहीं पड़ता हैं
कर्मचारियों के शोषण में ये संस्थान अव्वल दर्जे पर है. कंपनी के मालिक और HR धड्ल्ले से कर्मचारियों का शोषण कर रहे हैं.
इस चैनल में कर्मचारियों को हायर करते वक्त ना उन्हे ऑफर लैटर दिया जाता है, ना ही अपॉइंटमेंट लैटर.आई-कार्ड तो दूर की कौड़ी है. बस भेड़ बकरियों की तरह भर्ती करो और काम चलाते रहो.
ये इसलिए ताकि कर्मचारी भविष्य में अपने हक़ की लड़ाई भी ना लड़ सके.
वीकऑफ के अलावा किसी तरह की कोई छुट्टी नहीं. किसी एमरजेंसी में भी ली गई छुट्टी की सैलरी काट ली जाती है. उसका भी कोई मानक तय नहीं है. रही बात सैलरी की तो अपने हिसाब से डेढ़ से दो महीनों लेट सैलरी दी जा रही है. कभी कभी सैलरी के नाम पर महज़ कुछ रूपए थमा कर कर्मचारियों के हक़ उनके आत्मसम्मान के साथ भद्दा मज़ाक किया जाता है. जब कोई संस्थान कि नीति का विरोध करे तो उसे सीधे तौर पर सेवाएं समाप्त करने की सलाह दे दी जाती है.
ऐसे कई औऱ कर्मचारी हैं, जिनका अपनी शर्तों पर काम करवा कर प्रबंधन शोषण कर रहा है. इस ख़बर की स्याह हकीक़त के लिए ज़ल्द ही आपको हमारे द्वारा एक ऑडियो क्लिप सुनवाया जाएगा जिसमें खुद फोन पर महिला पत्रकार एचआर से अपनी सैलरी को लेकर मांग कर रही हैं, लेकिन एचआर कहते हैं कि ‘उन्होंने’ सैलरी देने से मना कर दिया है. उसके बाद से फोन तक उठाना कंपनी प्रबंधन ने बंद कर दिया है
