खबर नोएडा से प्रसारित भारत एक्सप्रेस न्यूज चैनल से हैं यहां डिजिटल के पत्रकारों को जुलाई महीने का वेतन अभी तक नहीं दिया गया हैं जिससे चैनल में कार्य कर रहें पत्रकारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं
कर्मचारियों का कहना है कि स्टाफ को मैनेजमेंट की तरफ से सिर्फ तारीख और दिलासा दिया जा रहा है, जिससे स्टाफ परेशान हो गया है
ऐसे में किराये पर रहने वाले लोग कैसे मैनेज करेंगे? बच्चों की फीस कैसे दें? बाकी सब खर्चे भी कैसे करें?
सूत्रों के मुताबिक, कंपनी प्रबंधन ने अब तक न तो वेतन भुगतान को लेकर कोई स्पष्ट समय-सीमा दी है और न ही कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण।
कर्मचारियों का कहना है कि जहां एक ओर अधिकांश स्टाफ वेतन के लिए संघर्ष कर रहा है, वहीं प्रबंधन से जुड़े चुनिंदा लोगों और हाल ही में नियुक्त कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को नियमित भुगतान किया जा रहा है।
वही चैनल में कार्यरत रही एक पीड़ित महिला के अनुसार उसका पीएफ का पेमेंट अभी तक नहीं क्लियर हुआ हैं जब भी वो अपने वेतन या पीएफ पेमेंट लिए अकाउंट डिपार्टमेंट के अकाउंट हेड से बात करती हैं तो उनके द्वारा गलत कमिटमेंट व गलत लहजे में बात किया जाता हैं उसके बावजूद अभी तक पीड़ित महिला का पेमेंट उसको नहीं दिया गया हैं
एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “हमने हमेशा मेहनत से काम किया, लेकिन अब घर चलाना मुश्किल हो गया है। EMI, बच्चों की फीस और रोज़मर्रा के खर्च कैसे पूरे करें, यही सबसे बड़ा सवाल है।”
यदि स्थिति शीघ्र नहीं सुधरी तो यह संकट सिर्फ कर्मचारियों का नहीं, बल्कि पूरे मीडिया उद्योग की साख का सवाल बन सकता है। पत्रकारिता की रीढ़ कहे जाने वाले जमीनी कर्मचारी अगर आर्थिक असुरक्षा में जी रहे हैं, तो इससे लोकतांत्रिक व्यवस्था भी प्रभावित होगी।
Disclaimer: चैनल में कार्यरत पीड़ित पत्रकारों भेजे गए पत्र पर आधारित
