कानपुर। कानपुर की सड़कों पर पिछले दो साल से अपराधियों के बीच खौफ और आम जनता के बीच राहत का पर्याय बने पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार का कार्यकाल अचानक समाप्त कर दिया गया। अपराधियों के खिलाफ चलाए गए उनके अभियान ‘ऑपरेशन महाकाल’ ने शहर को नई पहचान दी, लेकिन उनके तबादले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
वहीं, न्यूज़ चैनल एबीसी का मालिक और अधिवक्ता अखिलेश दुबे के खिलाफ शिकायत करने वालों को उसके गुर्गेों ने धमकाना शुरू कर दिया है।
अखिल कुमार की अगुवाई में ऑपरेशन महाकाल से 19 अपराधी मुठभेड़ों में ढेर हुए और 20 से अधिक बड़े अपराधी सलाखों के पीछे पहुँचे। कानपुर जैसे शहर, जो कभी अपराध की राजधानी कहा जाता था, वहाँ अपराधियों पर पुलिस की कड़ी नकेल कसना जनता के लिए सुकून भरा साबित हुआ।
लेकिन अचानक आदेश आया कि नए पुलिस कमिश्नर की नियुक्ति से पहले ही अखिल कुमार का कार्यभार समाप्त कर दिया जाए और उन्हें केंद्र में प्रतिनियुक्त कर दिया गया। आदेश की इस जल्दबाज़ी ने कयासों और चर्चाओं को और तेज़ कर दिया है।
अखिल कुमार की पहचान सख्त, लेकिन संवेदनशील अधिकारी के रूप में बनी। उन्होंने गैंगवार, रंगदारी और दबंगई की घटनाओं पर सीधा प्रहार किया। महाकाल नामक अभियान से जुड़ी कई सफल कार्रवाइयों ने शहर को अपराधमुक्त बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया।
अचानक विदाई और सवाल
इस तबादले को लेकर शहर में खामोश आहट महसूस की जा रही है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि—
क्या यह अपराधियों के खिलाफ चल रही सख्त कार्रवाई का नतीजा है?
क्या यह महज़ प्रशासनिक फेरबदल है?
या फिर इसके पीछे और भी वजहें हैं?
