July 5, 2025 9:24 pm

Home » प्रिंट » अमृत विचार अखबार से निकाले गए 26 पत्रकार न्यायालय की शरण में जाने को तैयार

अमृत विचार अखबार से निकाले गए 26 पत्रकार न्यायालय की शरण में जाने को तैयार

70 Views

बरेली। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में उभरते अखबार होने का दावा करने वाला अमृत विचार, जो छह स्थानों से प्रकाशित होता है, इन दिनों अपने संपादकीय और गैर-संपादकीय कर्मचारियों की रोज़ी-रोटी पर संकट बनकर खड़ा है। कॉस्ट कटिंग के नाम पर बिना किसी पूर्व सूचना के अब तक 26 पत्रकारों को निष्कासित किया जा चुका है। गैर-संपादकीय विभाग के कर्मचारियों की संख्या इसमें शामिल नहीं है।

एक समय 90,000 की सर्कुलेशन का दावा करने वाला अमृत विचार अब लगातार गिरती प्रसार संख्या से जूझ रहा है। सबसे खराब स्थिति अखबार की मूल यूनिट, बरेली की है। बताया जा रहा है कि कभी दैनिक जागरण और अमर उजाला के बाद तीसरे नंबर पर रहने वाला यह अखबार अब काफी नीचे गिर चुका है।

अखबार के नए सीईओ पार्थो कुमार घाटा कम करने और मालिकों की कृपा पाने की चाह में जबरन स्टाफ में कटौती और संस्करणों को सीमित करने में लगे हैं। मुरादाबाद संस्करण अब नाममात्र का रह गया है — प्रिंटिंग बरेली से होती है और डेस्क भी बरेली में ही केंद्रित कर दी गई है। कुछ गिने-चुने रिपोर्टर ही जैसे अखबार निकालने की कोशिश कर रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, कभी अमर उजाला और टाइम्स ऑफ इंडिया के विज्ञापन विभाग में कार्यरत रहे पार्थो अब अमृत विचार के सीईओ बनने के बावजूद वह ‘हिडन सीईओ’ की भूमिका में हैं — यानी न तो दस्तखत करते हैं, न ही सीधे फैसले की ज़िम्मेदारी लेते हैं। स्टाफ की छंटनी उन्हीं के निर्देश पर हो रही है और संस्करणों पर स्टाफ घटाने का भारी दबाव है।

कंटेंट की गुणवत्ता को लेकर भी अंदरखाने चर्चा गर्म है। बरेली मुख्यालय के अकाउंट्स विभाग के सूत्रों के अनुसार, इस महीने का वेतन अभी तक जारी नहीं किया गया है, जबकि इसे 10 मई तक जारी हो जाना चाहिए था। हालात ये हैं कि विज्ञापन छापने में भी टालमटोल की जा रही है।

प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों को यह कहकर बहलाया जा रहा है कि जल्द ही दिल्ली, मेरठ और देहरादून में अमृत विचार के नए संस्करण शुरू किए जाएंगे। साथ ही, कंपनी के सीएमडी डॉ. केशव अग्रवाल की ओर से अस्पताल और निजी मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना का ‘लॉलीपॉप’ भी दिखाया जा रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार, वरिष्ठ पत्रकार महेश शर्मा, जो कानपुर संस्करण से जुड़े थे, उन्हें भी 60 वर्ष की आयु पार करने के कारण मौखिक रूप से हटाया गया है। शर्मा का कहना है कि 4 अप्रैल को कानपुर संस्करण के संपादकीय प्रभारी ने उन्हें बताया कि सीईओ का निर्देश है कि 60 वर्ष से ऊपर के संपादकीय और गैर-संपादकीय कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी जाए। यह भी कहा गया कि उन्हें नया प्रस्ताव भेजा जाएगा, पर आज 13 मई है और अब तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है।

media4samachar
Author: media4samachar

Live Cricket

Daily Astrology

error: Content is protected !!