क्या भास्कर के पत्रकारों का दिमाग खराब हो गया है या वे कानून को अपने पैरों तले कुचलते है? एक और दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर कर दी। लेकिन मालिक सुधीर अग्रवाल ने इन जिम्मेदार पत्रकार और संपादक से पूछा तक नहीं, नतीजा भास्कर के मालिक सुधीर अग्रवाल, नेशनल हेड लक्ष्मीनारायण पंत, राजस्थान डिजिटल हेड किरणसिंह राजपुरोहित, पाली क्लस्टर हेड अरविंद कुमार शर्मा के खिलाफ पॉक्सो की धाराओं में मुकदमा दर्ज।
एक कड़वा सच इस पूरे मामले का तानाबाना पाली भास्कर के क्राइम रिपोर्टर ने बुना, उसने खबर बनाई। अरविंद कुमार शर्मा ने एप्रूव्ड की और पेज पर हूबहू चिपका दी। जबकि 4 एडिशन के संपादक को तो कम से कम नियम का पता होना चाहिए कि पॉक्सो के मामले में पीड़िता की पहचान छापना कानूनी अपराध हैं।
रिपोर्टर ने न केवल पीड़िता की पहचान उजागर की बल्कि आरोपी पिता का फोटो भी छाप दिया। गलती तो रिपोर्टर की थी। इसमें संपादक भी जिम्मेदार हैं। अब कानून के शिकंजे में मालिक से लेकर संपादक फंस गए। आरोपियों के खिलाफ ये मुकदमा राजस्थान के चर्चित वकील गोवर्धन सिंह की बेटी सुभांगी सिंह ने कोर्ट के आदेश पर दर्ज करवाया। रिपोर्टकर्ता का कहना है कि वे इस मामले में लड़ाई अंतिम समय तक लड़कर दोषियों को दंडित कराने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
