इंडिया न्यूज़ में बतौर वीडियो एडिटर कार्यरत रहे हर्ष राज ने चैनल प्रबंधन पर गंभीर अनदेखी और वेतन भुगतान में लापरवाही के आरोप लगाए हैं। हर्ष ने चैनल में 14 अप्रैल 2025 को जॉइन किया था और उनका कहना है कि उन्होंने पूरी निष्ठा और मेहनत से काम किया, जिसे खुद चैनल के वरिष्ठ अधिकारियों ने सराहा भी।
संसाधनों की कमी और असंवेदनशील रवैये का आरोप
हर्ष ने बताया कि उन्हें एक वीडियो एडिटर के बुनियादी उपकरण—हेडफोन और माउस तक उपलब्ध नहीं कराए गए, इसके बावजूद उन्होंने अपने स्तर पर काम जारी रखा। उन्होंने कहा,
“काम वर्ल्ड क्लास क्वालिटी का चाहिए, लेकिन सुविधाएं बांग्लादेश से भी खराब दी जा रही हैं।”
वेतन के नाम पर सिर्फ आश्वासन
हर्ष ने आरोप लगाया कि पहले महीने की समाप्ति पर जब उन्होंने वेतन मांगा, तो कहा गया कि अगले महीने मिलेगा। लेकिन अगले महीने भी सिर्फ आश्वासन दिए जाते रहे।
जब उन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति और संस्थान की फीस भरने की मजबूरी का हवाला दिया, तो प्रबंधन का कथित जवाब था: “ये तुम्हारी समस्या है, इससे हमें क्या लेना।”
इस्तीफे के बाद भी वेतन को लेकर अनिश्चितता
उन्होंने बताया कि अत्यधिक मानसिक दबाव के चलते उन्होंने बीते दिन रात को इस्तीफा दे दिया, और प्रबंधन से वेतन की आवश्यकता को लेकर संपर्क किया, लेकिन उनके तरीके को ‘अनप्रोफेशनल’ कहकर टाल दिया गया।
अन्य कर्मचारियों में भी नाराज़गी
हर्ष का दावा है कि कई अन्य कर्मचारी भी इसी स्थिति से जूझ रहे हैं, जिन्हें तीन-तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। काम का बोझ लगातार बढ़ाया जा रहा है, लेकिन वेतन का नाम तक नहीं लिया जा रहा।
प्रबंधन की चुप्पी चिंता का विषय
अब तक इंडिया न्यूज़ प्रबंधन की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। यदि कर्मचारियों की इन शिकायतों में सच्चाई है, तो यह मामला न केवल मज़दूर अधिकारों का उल्लंघन, बल्कि नैतिक और प्रबंधन असफलता का भी संकेत देता है।
इंडिया न्यूज़ जैसे बड़े नेटवर्क में यदि बुनियादी संसाधनों और वेतन भुगतान जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं, तो यह न केवल चिंता का विषय है, बल्कि मीडिया जगत के भीतर श्रमिक सम्मान और जवाबदेही पर भी सवाल खड़े करता है।
