अमर उजाला एक बड़े मीडिया हाउस के तौर पर जाना जाता है। उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद यूनिट में आने वाले रामपुर ब्यूरो की हालत बेहद खस्ता है। सोमवार को नए ब्यूरो प्रभारी विकास शुक्ला ने एक महीने में ही अमर उजाला (संवाद न्यूज एजेंसी) को अलविदा कह दिया।
पिछले 7 महीने में तीन ब्यूरो प्रभारी अमर उजाला छोड़ चुके हैं या ये कह सकते हैं कि कुछ को मुरादाबाद बैठे सीनियर्स ने काम करने नहीं दिया। रामपुर में पिछले 3 साल की बात करें तो यहां ब्यूरो प्रभारी को रुकने नहीं दिया गया। कुछ ब्यूरो प्रभारी सीनियर्स और डेस्क के खराब रवैय्ये से त्रस्त होकर छोड़ गए। कुछ को सीनियर्स ने ही छोड़ने पर मजबूर कर दिया।
तीन साल पहले ब्यूरो में कार्यरत प्रभारी सहित तीन लोगों ने एक साथ सामूहिक इस्तीफा दे दिया था। इसमें भी डेस्क के खराब रवैया और सीनियर्स की खराब कार्य शैली रही। नवंबर 2024 में कुंवर वाहिद अली का स्थानांतरण मुरादाबाद किया गया, इस दौरान उन्होंने काम करने से मना कर दिया और इस्तीफा दे दिया।
इसके बाद निर्मल पांडे ने ज्वाइन किया जो अप्रैल 2025 में बरेली अमर उजाला में चले गए। पिछले महीने मई में लखीमपुर खीरी अमृत विचार से आए विकास शुक्ला ने रामपुर ज्वाइन किया था। लेकिन एक महीने में डेस्क और सीनियर्स के खराब बर्ताव के कारण उन्होंने जल्दी ही वापिसी कर ली। वो जल्द अमृत विचार से दुबारा जुड़ जाएंगे।
मुरादाबाद संपादक सहित अन्य रिपोर्टस की कार्यशैली पर सवाल उठ गए हैं। एक सीनियर जो आज भी रामपुर में ही निवास कर रहे हैं और मुरादाबाद में अमर उजाला में नौकरी कर रहे हैं। इनका सबसे बड़ा हाथ रामपुर अमर उजाला को खराब करने में रहा है। लेकिन अफसोस है कि सीनियर्स भी उनके अकॉर्डिंग काम करने लगे जिससे रामपुर में स्थिति जस की तस बनी है।
अधिकारियों और शहर के जिम्मेदार लोगों में लगातार ब्यूरो प्रभारी बदलने से छवि खराब हो रही है।
