Media4samachar की तरफ से आपको जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं बधाई
आज दुर्गेन्द्र चौहान का जन्मदिन है। वह एक 24 कैरेट पत्रकार हैं—हर मुद्दे पर बेझिझक लिख सकते हैं, पढ़ सकते हैं, और खुलकर बोल सकते हैं। दबंग हैं, मुंहफट भी, लेकिन उतने ही संवेदनशील भी।
दैनिक जागरण और हिंदुस्तान जैसे प्रतिष्ठित अख़बारों में सफल पत्रकारिता के बाद बीते लगभग दस वर्षों से वह के-टीवी के एडिटर-इन-चीफ़ की भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने अपना पूरा जीवन पत्रकारिता को समर्पित कर दिया है। अभाव उनके साथ-साथ चलता रहा, लेकिन उन्होंने न लोभ की परवाह की, न बाधाओं की, न उपहास, सम्मान या अपमान की। वह अपने तरीके से और अपनी धुन पर चलने वाले पत्रकार हैं। पत्रकारिता कोर्स
उनका सेंस ऑफ ह्यूमर भी कमाल का है। मिमिक्री भी शानदार करते हैं, लेकिन केवल अपने खास मित्रों के बीच।
एक ज़माने में दुर्गेन्द्र दैनिक जागरण में थे और मैं अमर उजाला में क्राइम रिपोर्टिंग करता था। दोनों प्रतिद्वंद्वी अख़बारों में होने के बावजूद हम साथ चलते थे। कई बार वह मेरे स्कूटर पर बैठकर घटनास्थल पर मेरे साथ जाते थे। हालांकि, खबरों का एंगल अलग होता था—और बड़ी खबरें तो साझा करना सवाल ही नहीं था। कई बार हम एक-दूसरे से खबरें छिपाते भी थे। यह हमारी पेशागत नैतिकता और मजबूरी का हिस्सा था, लेकिन इसका असर हमारी दोस्ती पर कभी नहीं पड़ा।
मुझे याद है, उनकी अम्मा के हाथ का बना खाना हम साथ बैठकर खाते थे। वह मुझे उतना ही स्नेह देती थीं, जितना दुर्गेन्द्र को। हम अक्सर उनके चाचा के हालसी रोड वाले घर भी जाया करते थे। वहां बहनों के हाथों बने स्वादिष्ट भोजन की स्मृति आज भी ताज़ा है।
एक खास याद यह भी है— दुर्गेन्द्र की शादी के रिसेप्शन में तत्कालीन एसएसपी ने अपराध समीक्षा बैठक महज़ 15 मिनट में खत्म कर दी थी, क्योंकि ज़्यादातर पुलिस अधिकारी और थानेदार दुर्गेन्द्र को बधाई देने जाना चाहते थे।
आज दुर्गेन्द्र का बेटा भी देश का नामी पत्रकार है और बेटी भी अपने जीवन में एक मजबूत मुकाम हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। उनकी पत्नी अरुणा जी का इसमें बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने हर परिस्थिति में परिवार का संबल बनकर साथ दिया है—दुर्गेन्द्र के साथ कदम से कदम मिलाकर खड़ी रहीं।
दुर्गेन्द्र को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं। वह इसी तरह खुश रहें और कर्तव्य-पथ पर आगे बढ़ते रहें।
