लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले मीडिया की साख पर एक और धब्बा लगा है। अब पत्रकारिता के नाम पर खुलेआम धंधा हो रहा है और बड़े चैनलों के नाम का इस्तेमाल कर भोले-भाले युवाओं को ठगा जा रहा है।
मामला इंडिया टीवी के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े का है। यहां बाकायदा ऑफर देकर सिर्फ 1999 रुपये में ‘नेशनल रिपोर्टर’ बनाए जाने का खेल खेला जा रहा है। इसके एवज़ में लोगों को नकली आई-कार्ड, माइक आईडी और जॉइनिंग लेटर तक दिए जाने का ऑफर है।
पत्रकारिता जैसी गंभीर और मेहनत से अर्जित जिम्मेदारी को अब महज़ पैसों के सौदे में बदला जा रहा है। जिन कुर्सियों तक पहुँचने में वर्षों की मेहनत, संघर्ष और अनुभव लगता है, उन्हें कुछ लोग अब चंद रुपयों में बेच रहे हैं।
ऐसे फर्जीवाड़ों से न सिर्फ पत्रकारिता की साख पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि मीडिया से जनता का भरोसा भी लगातार टूटता जा रहा है।
