Blackmailing और Extortion के आरोपों के चलते Zee राजस्थान से आशीष दवे की रवानगी के बाद अब खबर आ रही है कि दवे के करीबी और सीनियर रिपोर्टर राम सिंह राजावत ने भी इस्तीफा दे दिया है। कंपनी ने उन्हें कार्यमुक्त कर दिया है। कुछ लोगों का आरोप है कि राम सिंह राजावत पर भी कई आरोप लगे हैं जिसके कारण उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा। लेकिन ख़ुद राम सिंह राजावत का कहना है कि उन्होंने स्वयं ही इस्तीफ़ा दिया है, उन पर कोई आरोप नहीं है। अगर कोई आरोप लगाता है तो प्रमाण सामने लाए। मार्केट में बेसिर पैर की अफवाहें उड़ाई जा रही हैं।
गौरतलब है कि जयपुर की सत्र अदालत 11 सितंबर को आशीष दवे की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर चुकी है। अब Zee प्रबंधन इस इंतजार में है कि उनके द्वारा सौंपे गए प्राथमिक साक्ष्यों के आधार पर पुलिस इस मामले के अनुसंधान को आगे बढ़ाये। बड़ा सवाल यह है कि क्या पुलिस जयपुर के नामचीन बिल्डर्स और कारोबारियों को थाने बुलाकर यह पूछताछ करेगी कि उन्होंने विज्ञापन के नाम पर दबाव में आकर कितनी मोटी रकम दी थी?
इसी बीच दवे की ओर से हाईकोर्ट की डबल बेंच में धारा 482 आईपीसी के तहत नई अग्रिम जमानत याचिका दायर की गई है, जिस पर 15 सितंबर को जस्टिस सुदेश बंसल और जस्टिस आशुतोष कुमार मिश्रा की बेंच सुनवाई कर सकती है।
उधर, नोएडा स्थित Zee मुख्यालय की टीम पिछले दो दिनों से जयपुर में डेरा डाले हुए है। इसके साथ ही फाइनेंस टीम भी जयपुर में मौजूद है, जो अवैध वसूली की अपने स्तर पर जांच कर रही है।
इस दौरान अशोक नगर पुलिस को चौंकाने वाली जानकारी हाथ लगी है। बताया गया कि पांच दिन पहले जब Zee मुख्यालय की एचआर टीम दवे का इस्तीफा लेने जयपुर ऑफिस पहुंची, तो दवे का एक सहयोगी दफ्तर में रखे लोहे के लॉकर से 5 लाख रुपये निकालकर भाग गया। यह पूरा घटनाक्रम सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया, जिसके आधार पर अब Zee की फाइनेंस टीम और पुलिस दोनों ही पकड़े गए शख्स से पूछताछ कर रहे हैं।
