रिपब्लिक टीवी पर अर्णब गोस्वामी ने कांग्रेस के दफ्तर को लेकर फेक न्यूज परोसी थी। मुकदमा हुआ तो जिम्मेदारी अपने कैमरामैन पर डाल दी। बताया जा रहा है कि अर्णब के साथ ही बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय पर भी मुकदमा दर्ज कराया गया है।
भारतीय युवा कांग्रेस के कानूनी प्रकोष्ठ के प्रमुख श्रीकांत स्वरूप बीएन की शिकायत के बाद, भाजपा के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी मालवीय और रिपब्लिक नेटवर्क के प्रधान संपादक गोस्वामी के खिलाफ बीएनएस की धारा 192 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसावे देना – यदि दंगा हो जाए; यदि नहीं हो तो) और 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) के तहत मामला दर्ज किया गया। यह एफआईआर 20 मई को भारत और तुर्की के बीच राजनयिक मतभेद के बीच दर्ज की गई थी
क्योंकि पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत की जवाबी कार्रवाई के बाद तुर्की ने कथित तौर पर पाकिस्तान को समर्थन दिया था।
नीचे पढ़ें मामले में कुछ टिप्पणियां…
साक्षी जोशी-
बड़े लोग ऐसा ही करते हैं। अपने वीडियो एडिटर को बलि का बकरा बना दिया। एडिटर सिर्फ वो तस्वीर लगा सकता है।
लेकिन इसे ख़बर की तरह अपने मुँह से खुद अर्नब गोस्वामी बता रहे थे (वो क्लिप अभी भी अमित मालवीय की TL पर आपको दिख जाएगी) क्या इनके यहाँ वीडियो एडिटर मालिकों के मुँह में शब्द तक ठूँसने की हैसियत रखता है!
अभिषेक उपाध्याय-
रिपब्लिक के एडिटर इन चीफ़ अर्नब गोस्वामी की इसी वीडियो क्लिप पर कांग्रेस ने गंभीर धाराओं में एफ़आइआर दर्ज करा दी है।
इसमें टर्की में कांग्रेस के दफ़्तर होने का ज़िक्र किया गया था और टर्की की भारत से दुश्मनी और पाकिस्तान से दोस्ती के मद्देनज़र कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया गया था।
बाद में रिपब्लिक ने इस पर भूल सुधार जारी किया। कहा कि ये विडियो एडिटर की गलती से हो गया था। इस एफ़आईआर में अर्नब गोस्वामी के साथ ही BJP IT सेल के हेड अमित मालवीय को भी आरोपी बनाया गया है।
स्वाति मिश्रा-
अर्नब ने तुर्किये में इस्तांबुल कांग्रेस सेंटर की फोटो दिखाकर उसे भारत में कांग्रेस पार्टी का ऑफिस बताया. जब खबर आई कि कांग्रेस मुकदमा करेगी, तब उनके चैनल रिपब्लिक ने सारा ठीकरा किसी वीडियो एडिटर पर फोड़ दिया. अर्नब को कम से कम इतनी ग़ैरत तो रखनी चाहिए थी कि खुद की गलती मानते
