मुंबई : भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने साधना ब्रॉडकास्ट लिमिटेड (अब क्रिस्टल बिजनेस सिस्टम लिमिटेड के नाम से जानी जाने वाली) के शेयरों में कथित हेरफेर और ‘पंप एंड डंप’ योजना को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। SEBI ने 64 संस्थाओं और व्यक्तियों के खिलाफ अंतिम आदेश जारी किया है, जिसमें बाजार में धोखाधड़ी और अनुचित व्यापारिक प्रथाओं (PFUTP Regulations, 2003) के उल्लंघन के लिए सख्त कार्रवाई की गई है। यह जांच 8 मार्च 2022 से 30 नवंबर 2022 की अवधि के लिए की गई थी।
मामला क्या है?
साधना ब्रॉडकास्ट लिमिटेड, जो 1994 में स्थापित हुई और 2018 में BSE पर सूचीबद्ध हुई, टेलीविजन समाचार, फिल्मों और अन्य गतिविधियों में संलग्न है। SEBI को जुलाई से सितंबर 2022 के बीच शिकायतें मिलीं कि कंपनी के शेयरों में कीमत और मात्रा को कृत्रिम रूप से बढ़ाया गया और फिर प्रमोटर समूह ने इन शेयरों को ऊंची कीमत पर बेच दिया। शिकायतकर्ताओं ने दावा किया कि YouTube पर गलत जानकारी वाले वीडियो अपलोड किए गए, जिनके लिए करोड़ों रुपये के भुगतान के साथ मार्केटिंग अभियान चलाया गया।
जांच और खुलासे
SEBI ने 15 नोटिसियों के परिसरों पर छापेमारी की, जहां से दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जुटाए गए। जांच में पाया गया कि मनिश मिश्रा (नोटिसी 52) और उनके सहयोगियों, जैसे दीपक द्विवेदी और विवेक चौहान, ने YouTube चैनलों जैसे “द अद्वाइजर”, “मनीवाइज”, और “प्रॉफिट यात्रा” पर गलत सूचनाओं वाले वीडियो अपलोड किए। इन वीडियो में दावा किया गया कि कंपनी के पास 5G लाइसेंस है, उसे अदाणी ग्रुप खरीद सकता है, और शेयर की कीमत 76 रुपये (तीन महीने में) और 340 रुपये (एक साल में) तक पहुंच सकती है—जो पूरी तरह से भ्रामक था।
इन वीडियो को जुलाई 2022 से नवंबर 2022 के बीच अपलोड किया गया, और इनका दर्शक संख्या लाखों में रही। मनिश मिश्रा ने इन चैनलों का संचालन किया और इसके लिए 3.39 करोड़ रुपये Google Adsense पर खर्च किए गए। WhatsApp चैट से पता चला कि विवेक चौहान ने वीडियो बनाए और मार्केटिंग में सहायता की, जबकि प्रमोटर समूह ने संरचित ट्रेडिंग के जरिए कीमत बढ़ाई।
• प्रमुख नोटिसियों पर पाबंदी: गौरव गुप्ता, राकेश कुमार गुप्ता, सुभाष अग्रवाल, पीयूष अग्रवाल, लोकेश शाह, जतिन शाह, और मनिश मिश्रा को 5 साल के लिए सिक्योरिटीज बाजार में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित किया गया है।
• अन्य नोटिसियों पर पाबंदी: शेष 43 नोटिसियों (जैसे श्रेया गुप्ता, सौरभ गुप्ता, अरपन गुप्ता आदि) को 1 साल के लिए बाजार से प्रतिबंधित किया गया है।
अवैध लाभ की वसूली: नोटिसियों को उनके द्वारा कमाए गए 18.33 करोड़ रुपये (गौरव गुप्ता) सहित कुल लाभ की राशि, 12% वार्षिक ब्याज के साथ, निवेशक संरक्षण और शिक्षा कोष (IPEF) में 45 दिनों के भीतर जमा करनी होगी।
• मोनेटरी पेनल्टी: गौरव गुप्ता, राकेश कुमार गुप्ता, सुभाष अग्रवाल, पीयूष अग्रवाल, लोकेश शाह, और मनिश मिश्रा पर 2 करोड़ रुपये की पेनल्टी, जबकि अन्य नोटिसियों पर 5 लाख से 1 करोड़ रुपये तक की पेनल्टी लगाई गई है।
विशेष मामले
• वरुण मीडिया प्राइवेट लिमिटेड (नोटिसी 8): IBC के तहत चल रही CIRP प्रक्रिया के कारण इस पर अभी मौद्रिक पेनल्टी नहीं लगाई गई, लेकिन लाभ वसूली लागू होगी।
• रवींद्र दह्याभाई पटेल (नोटिसी 59): इनका मामला सेटलमेंट के जरिए निपटाया गया, जिसमें परिवार के अन्य सदस्यों (नोटिसी 56-58) के लाभ भी शामिल हैं।
• परीश धीरजलाल शाह (नोटिसी 64): इन्हें संदेह का लाभ दिया गया क्योंकि इनका प्रमोटरों से कोई संबंध नहीं पाया गया।
प्रभाव और चेतावनी
इस योजना में प्रमोटरों ने मार्च 2022 में 40.95% से घटाकर दिसंबर 2022 में 25.58% अपनी हिस्सेदारी बेची, जबकि सार्वजनिक शेयरधारकों की संख्या 885 से बढ़कर 72,509 हो गई। शेयर की कीमत चरम पर 33 रुपये थी, जो अब 2.60 रुपये पर आ गई है। SEBI ने कहा कि यह कार्रवाई बाजार की अखंडता और निवेशकों के विश्वास को मजबूत करने के लिए है। निवेशकों को सलाह दी गई है कि वे सोशल मीडिया प्रभावकों (फिनफ्लुएंसर्स) की सलाह पर सावधानी बरतें और बुनियादी बदलाव के बिना कीमत में अचानक उछाल वाली कंपनियों में निवेश से बचें।
SEBI ने चेतावनी दी है कि ऐसी धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, और सोशल मीडिया कंपनियों को भी अपने प्लेटफॉर्म पर भ्रामक सामग्री पर नियंत्रण बढ़ाना होगा।
