चेन्नई। दक्षिण भारत की सबसे बड़ी मीडिया कंपनियों में शुमार सन टीवी नेटवर्क (Sun Tv Network) एक बड़े पारिवारिक विवाद के केंद्र में आ गई है। डीएमके सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन ने अपने बड़े भाई और सन टीवी नेटवर्क के चेयरमैन कलानिधि मारन के खिलाफ गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए उन्हें कानूनी नोटिस भेजा है। यह नोटिस 10 जून 2025 को लॉ धर्मा नामक कानूनी फर्म के ज़रिए जारी किया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नोटिस में आरोप लगाया गया है कि कलानिधि मारन और उनकी पत्नी कावेरी मारन ने 2003 में, जब पिता मुरासोली मारन की तबीयत बेहद खराब थी, पारिवारिक सहमति के बिना गुपचुप तरीके से सन टीवी नेटवर्क की शेयरहोल्डिंग में भारी फेरबदल किया। दयानिधि के मुताबिक, यह सबकुछ उस वक्त हुआ जब पूरा परिवार पिता की बीमारी में व्यस्त था और कंपनी के आंतरिक मामलों की निगरानी कमजोर थी।
नोटिस में यह भी दावा किया गया है कि 15 सितंबर 2003 को कलानिधि मारन ने खुद को महज ₹10 प्रति शेयर की दर से 12 लाख इक्विटी शेयर आवंटित कर लिए, जबकि उस समय कंपनी के शेयर का बाजार मूल्य ₹2,500 से ₹3,000 के बीच था। इस कदम को दयानिधि ने “कॉर्पोरेट धोखाधड़ी” और “विश्वासघात” की श्रेणी में बताया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस फर्जी शेयर अलॉटमेंट के जरिए कलानिधि ने बिना किसी पारिवारिक सहमति या बोर्ड की अनुमति के कंपनी की 60% हिस्सेदारी पर नियंत्रण पा लिया। इसके पहले उनके पास कोई भी शेयर नहीं था।
दयानिधि ने यह भी आरोप लगाया कि पिता की मृत्यु के तुरंत बाद मां मल्लिका मारन के नाम पर भी शेयर ट्रांसफर कर दिए गए — वो भी बिना डेथ सर्टिफिकेट या लीगल हीर सर्टिफिकेट के। उन्होंने इसे एक पूर्व-नियोजित योजना करार दिया, जिसका मकसद कंपनी पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करना था।
इस कानूनी नोटिस में सिर्फ कलानिधि और उनकी पत्नी ही नहीं, बल्कि कुल आठ लोगों को प्रतिवादी बनाया गया है। दयानिधि ने केंद्र सरकार से गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) के माध्यम से मामले की गहन जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यह मामला न केवल पारिवारिक धोखे का है, बल्कि इससे कॉर्पोरेट गवर्नेंस और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे बड़े मुद्दे भी जुड़े हैं।
वर्तमान में कलानिधि मारन के पास सन टीवी नेटवर्क की 75% हिस्सेदारी है और उनकी अनुमानित संपत्ति $2.9 बिलियन यानी करीब ₹24,000 करोड़ है। इस पृष्ठभूमि में यह मामला सिर्फ एक पारिवारिक कलह नहीं, बल्कि भारतीय कॉर्पोरेट जगत की एक बड़ी घटना के रूप में देखा जा रहा है।
आगे क्या?
इस हाई-प्रोफाइल विवाद ने तमिलनाडु की राजनीति, मीडिया और व्यापारिक दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। अब सभी की नजर इस कानूनी लड़ाई पर टिकी है, जो कंपनी के शेयर बाजार प्रदर्शन, प्रबंधन और सार्वजनिक छवि को भी प्रभावित कर सकती है।
हालांकि अभी परिवार की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। इनपुट आने पर अपडेट किया जाएगा।
