एड.नूपुर धमीजा (सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया) प्रधान संपादक: Media4samachar
सुप्रीम कोर्ट ने एक स्कूली बच्ची के अपहरण और बलात्कार के मामले में बेहद सख्त टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है। अदालत ने दोषियों की अपील को खारिज कर दिया। बच्ची की उम्र सिर्फ 13 साल थी और दोषियों ने 2019 में पिकनिक पर ले जाने के बहाने उसका अपहरण कर बलात्कार किया था।
पीड़िता और उसकी मां की ओर से 18 नवंबर, 2019 को FIR दर्ज कराई गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने मंगलवार को मामले में सुनवाई की और दोषी संजय पैकरा और पुस्तम यादव की अपील को खारिज कर दिया। इन दोनों ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।
दोषियों की ओर से अदालत में यह तर्क रखा गया था कि छात्रा ने इस मामले में सहमति दी थी। अदालत ने कहा, “वह नाबालिग है, यह साबित हो चुका है और अब किसी और चीज की जरूरत नहीं है।”
निचली अदालत का फैसला
इस मामले में निचली अदालत ने दोनों को दोषी ठहराया था। निचली अदालत ने 5 अक्टूबर, 2021 को दिए अपने फैसले में दोषियों पर आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ ही 1000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था। निचली अदालत ने IPC और POCSO Act के तहत आरोपियों को दोषी ठहराया था।
